मंगलवार, 24 जुलाई 2012

कुछ नया करने का मन है डिम्पल यादव का

कुछ नया करने का मन है डिम्पल यादव का तो करना चाहिए पर ध्यान रहे ये देश की संसद है उत्तर प्रदेश की विधान सभा नहीं, यहाँ उतने ही खतरे भी हैं . यहाँ का महिला मंडल बहुत ही शातिर है, कम्युनिष्टों ने लम्बे समय तक नेता जी का इस्तेमाल किया है विभिन्न मुद्दों पर कहीं उन्होंने ही तो नहीं समझाया है यह ध्यान रखना चाहिए यदि हो सके तो महिला शशक्तिकरण के लिए आगे आने में कोई बुराई नहीं है -
डॉ.लाल रत्नाकर 
पेंटिंग ; डॉ.लाल रत्नाकर 


डिंपल यादव ने महिला आरक्षण पर जगाई उम्मीद

नई दिल्ली/अमर उजाला ब्यूरो
Story Update : Wednesday, July 25, 2012    12:08 AM
Dimple Yadav hopes raised on women reservation
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने सासंद चुने जाने के बाद महिला आरक्षण को लेकर ताल ठोक दी है। महिला आरक्षण के मामले में सपा की नकारात्मक छवि के बीच डिंपल ने अब नई उम्मीद जगाई है। डिंपल ने कहा है कि सपा महिला आरक्षण के विरोध में नहीं है और प्रदेश में महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं भी बनाई जा रही है।

सांसद बनने के बाद पहली बार मीडिया से खुलकर बातचीत करते हुए उन्होंने उद्योग संगठन फिक्की के लेडिज विंग (एफएलओ) के एक कार्यक्रम में अपने पारिवारिक जीवन के कई पहलुओं की जानकारी भी दी। डिंपल ने कहा कि उन्होंने राजनीति में आने के बारे में पहले कभी नहीं सोचा था। लेकिन मौका मिलने पर वे इस क्षेत्र में आ गई।

उन्होंने कहा कि उनके पति अखिलेश काफी समझदार हैं और वे उनके साथ बेहतर तालमेल बैठा कर आगे बढ़ रही हैं। सभी बच्चों की तरह उनके बच्चों को भी कार्टून देखने का शौक है। वे डोरोमॉन जैसे कार्टून चरित्र को देखना पसंद करते हैं। वह निजी शिक्षक से ट्यूशन भी पढते हैं। डिंपल बच्चों को गांव भी ले जाती हैं और नखरे करने पर उन्हें खाने के लिए मनाती भी हैं। चर्चा के दौरान अखिलेश ने कहा कि बच्चों को हमारी बहुमूल्य संस्कृति के बारे में जानना चाहिए। इसलिए वे बच्चों को रामायण पढ़ने के लिए भी प्रेरित करते हैं।

राज्य में महिलाओं की स्थिति में सुधार को लेकर चर्चा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि कन्याओं की बेहतर शिक्षा के लिए प्रदेश के सरकारी स्कूल व कॉलेजों में पहले पूरी पढ़ाई मुफ्त में हुआ करती थी। राज्य सरकार अब फिर से ऐसा करने जा रही है।

राज्य की ओर से 12वीं पास लड़कियों की आगे की पढ़ाई की व्यवस्था के लिए विद्याधन योजना के तहत सहायता मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए 400 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। जबकि 10वीं पास लड़कियों के आगे की शिक्षा जारी रखने के लिए एक योजना बनाई जा रही है।

इस योजना पर करीब 300 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि यूपी में 10वीं उत्तीर्ण छात्रों के लिए टैबलेट कंप्यूटर और 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को लैपटाप देने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।

शुक्रवार, 13 जुलाई 2012

सूबे में कौन सुरक्षित

यह हाल  है-

तो फिर सूबे में कौन सुरक्षित

Updated on: Sat, 14 Jul 2012 02:26 AM (IST)


- सदन से लेकर गृह विभाग तक माननीयों की गुहार
- विशेष श्रेणी की सुरक्षा स्टेटस सिंबल
आनन्द राय
लखनऊ : गोरखपुर से तीसरी बार चुने गये भाजपा विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने कई साल पहले अपने सुरक्षाकर्मी को यह कहकर वापस कर दिया कि जनता के लिए काम करने वाले व्यक्ति को सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं। आज भी डॉ. अग्रवाल सुरक्षाकर्मी के बिना चलते हैं, लेकिन सूबे के सभी माननीय ऐसे नहीं हैं। कई तो अपनी सुरक्षा को लेकर कभी विधानसभा में फरियाद करते नजर आए और कभी विशेष श्रेणी की सुरक्षा के लिए गृह विभाग में। सवाल उठना लाजिमी है कि जब माननीय ही असुरक्षित हैं तो फिर सूबे में कौन सुरक्षित है।
वाई श्रेणी की सुरक्षा के लिए डेढ़ सौ विधायकों ने अर्जी लगाई है। शासन पशोपेश में है कि किसे -किसे विशेष श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करे। पिछले दिनों सदन में बलिया जिले के भाजपा विधायक उपेन्द्र तिवारी ने प्रदेश सरकार के एक मंत्री से अपनी जान का खतरा बताते हुए विधानसभा अध्यक्ष से सुरक्षा की मांग की। पूर्वाचल के बाहुबली बृजेश सिंह के भतीजे और दबंग निर्दल विधायक सुशील सिंह भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। बसपा एमएलसी मुकुल उपाध्याय ने तो अदालत में पैरवी कर अपने लिए वाई श्रेणी की सुरक्षा का आदेश हासिल किया, जबकि कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता प्रदीप माथुर और विधान परिषद में नेता नसीब पठान ने भी पहल कर वाई श्रेणी की सुरक्षा हासिल कर ली। विपक्ष की बात छोड़िए, सत्ता पक्ष के ही अधिकांश विधायक खुद को असुरक्षित समझ रहे हैं। चाहे इलाहाबाद के महेश नारायण सिंह हों या सीतापुर जिले के सपा विधायक अनूप गुप्ता। सपा के बहुतायत विधायकों की वाई और एक्स श्रेणी की सुरक्षा की अर्जी गृह विभाग में पड़ी है। बहुत से लोग वाई श्रेणी की सुरक्षा में चल रहे हैं। कुछ ऐसे भी माननीय हैं, जिन्हें दो -दो गनर दिए गये हैं। पूछने पर प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव ने सुरक्षा मांगने वाले विधायकों का नाम बताने से इंकार कर दिया। उन्होंने यह जरूर कहा कि माननीयों की सुरक्षा को लेकर जिला और राज्य स्तर पर नियम पूर्वक बैठक होती और गंभीरता पूर्वक विचार किया जाता है।
सवाल यह भी है कि क्या वाकई इन माननीयों को जान का खतरा सता रहा है, या गनर और शैडो उनका स्टेटस सिंबल हैं। पिछली बसपा सरकार में कई प्रभावशाली नेता थे, जिनको जेड श्रेणी की सुरक्षा हासिल थी। गौर करें तो कई बार राजनीति प्रतिस्पर्धा में भी माननीय जान के खतरे का शिगूफा छोड़ते हैं। अब सांसद धनंजय सिंह का ही उदाहरण लें। बसपा में थे तो मायावती उनकी आदर्श थीं, लेकिन जब पार्टी से बाहर किये गये तो उन्होंने मायावती से अपनी जान का खतरा बता दिया। खुद मायावती ने भी सरकार गिरते ही समाजवादी पार्टी से अपनी जान के खतरे का मुद्दा गरमा दिया। समाजशास्त्री डॉ. सुधीर कुमार कहते हैं कि कुछ माननीय भले परिस्थितिवश असुरक्षित महसूस कर रहे हों, लेकिन बहुत से अपराधियों ने भी सियासी चोला पहन लिया है। ऐसे दागी लोगों को पल-पल खतरा बना रहता है। 

बुधवार, 4 जुलाई 2012

25 लाख विद्यार्थियों के साथ मजाक

यह सब अच्छा नहीं हो रहा है, व्यवस्था को मनमाने ढंग से थोपने से 'अवाम में' अच्छा सन्देश नहीं जाता है, ऐसा लगता है की शिक्षा विभाग सामान्य और सहज बातों को भी नहीं समझ रहा है।


25 लाख विद्यार्थियों के साथ मजाक, बिना जानकारी बदला सिलेबस

इलाहाबाद/अमर उजाला ब्यूरो
Story Update : Thursday, July 05, 2012    12:51 AM
25 lakh students career fun without information changed syllabus
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय पाठ्यक्रम लागू करने के नाम पर यूपी बोर्ड के इंटर के छात्रों के साथ बड़ा मजाक किया है। विभाग ने शिक्षकों को नए पाठ्यक्रम की जानकारी दिए बिना ही नए शैक्षिक सत्र से बदला पाठ्यक्रम लागू कर दिया है।

माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से इंटरमीडिएट के भौतिकी, रसायन, गणित, जुलॉजी, बाटनी, हिन्दी और अंग्रेजी का पाठ्यक्रम पूरी तरह से बदल दिया है जबकि कुछ विषयों के पाठ्यक्रम में आंशिक बदलाव किया गया है। यूपी बोर्ड के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को नए पाठ्यक्रम की जानकारी नहीं होने से नए शैक्षिक सत्र में पढ़ाई-लिखाई ठप पड़ जाएगी।

यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य बनाने के लिए इस बदलाव को लागू तो कर दिया गया लेकिन बदले पाठ्यक्रम में क्या शामिल किया गया है, इस बात की जानकारी शिक्षकों को नहीं है। राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की गाइड लाइन जारी करने से पहले यह सलाह दी गई थी कि इसे पढ़ाने से पहले शिक्षकों को बदले पाठ्यक्रम की जानकारी दी जाएगी।

पी बोर्ड से जुड़े स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक 15 से 20 साल पहले पुराने पाठ्यक्रम से पढ़ाई की है। नए कोर्स शामिल कुछ चैप्टर के बारे में इन शिक्षकों को कोई जानकारी नहीं है। बदलाव के बारे में शिक्षकों को प्रशिक्षण नहीं दिए जाने से चालू शैक्षिक सत्र में पठन-पाठन पर असर पड़ना निश्चित है। यह शिक्षक ऐसे में कक्षा में किस प्रकार से पढ़ाएंगे शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समझना होगा।

शिक्षकों को ही बदले पाठ्यक्रम की जानकारी नहीं होने से यूपी बोर्ड के विद्यार्थी सीबीएसई सहित देश के अन्य बोर्ड जहां बदला पाठ्यक्रम लागू है से पिछड़ जाएंगे। सरकार की मंशा के अनुरूप पूरी बोर्ड भले ही परीक्षा में छात्रों को बेहिसाब नंबर बांट दे लकिन यह प्रयोग आईआईटी, एआईईईई, मेडिकल जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने वाला नहीं है। यूपी बोर्ड के विद्यार्थी इन परीक्षाओं में फिसड्डी ही साबित होंगे।

वाह 'गृहमंत्री' जी !


‘अगर मुठभेड़ में निर्दोष मारे गए तो क्षमाप्रार्थी हूं’

नई दिल्ली/अमर उजाला ब्यूरो
Story Update : Thursday, July 05, 2012    12:27 AM
Chidambaram told if any innocent person killed in encounter i deeply sorry
गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि अगर छत्तीसगढ़ के बीजापुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की मुठभेड़ में निर्दोष लोग मारे गए हैं तो इसके लिये वह क्षमाप्रार्थी हैं।

गृह मंत्री ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि सीआरपीएफ की जो कार्रवाई हुई, उसके बारे में सारी जानकारियां सबके सामने हैं। सीआरपीएफ के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। वैसे, चिदंबरम ने कहा कि इस मुठभेड़ में मारे गए पांच लोगों के आपराधिक रिकॉर्ड रहे हैं।

गौरतलब है कि इस मुठभेड़ को लेकर विवाद खडे़ हो गए हैं। एक तरफ पुलिस दावा कर रही है कि मारे गए लोग नक्सली थे, जबकि विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सुरक्षा बलों ने निर्दोष आदिवासियों और नाबालिगों को भी मारा है। कांग्रेस के जांच दल ने घटना की सीबीआई से तफ्तीश कराने की भी मांग की है।

केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री चरण दास महंत ने भी यह बयान देकर राज्य सरकार की मुश्किल बढ़ा दी है कि बीजापुर मुठभेड़ मे निर्दोष आदिवासी भी मारे गए हैं और राज्य सरकार ने इस मामले में चिदंबरम को गुमराह किया है।

‘फसीह को भारत लाने के लिए हर कदम उठाएंगे’
गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि बंगलूरू और दिल्ली धमाके के आरोपी फसीह मोहम्मद को देश वापस लाने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठाएंगी। उन्होंने कहा, ‘फसीह सऊदी अरब में है। उसे वहां हिरासत में लिया गया है। उसे भारत लाने के पूरे प्रयास किए जाएंगे। इस संबंध में एक रेड कार्नर नोटिस पहले ही जारी किया जा चुका है। फसीह कई मामलों में वांछित है।’


 

शनिवार, 23 जून 2012

टिकटों की कालाबाजारी


जानिए, तत्काल टिकटों की कालाबाजारी का खेल

चंदन जायसवाल/इंटरनेट डेस्क
Story Update : Sunday, June 24, 2012    12:23 AM
black market for Tatkal ticket games
गर्मी की छुट्टियों में जहां आम आदमी एक अदद कन्फर्म रेल टिकट के लिए परेशान है वहीं दलालों का नेटवर्क बड़े पैमाने पर रेल टिकटों की कालाबाजारी कर रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए शुरू की गई तत्काल सेवा में भी बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। राजधानी दिल्ली समेत देश के कई शहरों में आईआरसीटीसी की वेबसाइट को हैक कर दलाल लाखों रुपये कमा रहे हैं, जबकि रेलवे स्टेशन के बुकिंग काउंटर पर घंटों लाइन में लगे लोगों को परेशानी झेलने के बाद भी टिकट नहीं मिल पाता। ऐसा नहीं है कि इस बात की खबर रेल मंत्रालय या संबंधित विभाग को नहीं है, बावजूद रेल टिकटों की कालाबाजारी का खेल बदस्तुर जारी है।


कैसे होता है तत्काल टिकट में खेल
एटम कमांडो और सॉफ्टवैली नामक एक सॉफ्टवेयर की मदद से दलाल आईआरसीटीसी की वेबसाइट को हैक कर लेते है। इस तेज रफ्तार सॉफ्टवेयर से अधिकतम 10 सेकेंड में टिकट बुक हो जाते है, जबकि आईआरसीटीसी के सॉफ्टवेयर से रेल टिकट को बुक कराने में कम से कम दो से तीन मिनट का समय लग जाता है। रेलवे में तत्काल के टिकट सुबह 8 बजे से बुक होते हैं। जब तक आप अपने कंप्यूटर पर अपना नाम, अड्रेस और कहां से कहां जाना है, टाइप करते है तब तक तत्काल के लगभग सभी टिकट बुक हो चुके होते है। क्योंकि काउंटर खुलने से पहले ही ये शातिर दलाल कंप्यूटर पर पहले से ही यात्री विवरण फीड कर लेते हैं और जैसे ही विंडो खुलती है, वह इंटर मारकर तत्काल कोटे की टिकट पर कब्जा कर लेते हैं।

चंद सेकेंड में एसी क्लास की टिकटें खत्म
इस हाईस्पीड सॉफ्टवेयर की मदद से 1 मिनट में ही 10 टिकट बुक हो जाते हैं। टिकट की दलाली करने वाले बड़े दलाल इसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके धड़ल्ले से तत्काल कोटे की टिकटों की कालाबाजारी कर रहे हैं। खासकर इस भीषण गर्मी में एसी क्लास की टिकटों पर लंबा खेल चल रहा है। दलाल रोज नए-नए अत्याधुनिक पैंतरों के साथ मैदान में उतर रहे हैं, जबकि रेलवे उन पर अंकुश लगाने की प्रणाली बनाना तो दूर, फिलहाल उस दिशा में सोच भी नहीं पा रहा है। आम आदमी जहां आधी रात से ही तत्काल कोटे की टिकटों के लिए रेलवे आरक्षण केंद्र के बाहर लाइन लगाए परेशान रहता हैं, वहीं रेल टिकटों के दलाल सुबह आठ बजे नेटवर्क ओपन होते ही महज चंद सेकेंडों में तत्काल टिकटों पर कब्जा कर लेते हैं।

महंगे दामों पर बेचते है टिकट
दलालों के इसी खेल की वजह से आम आदमी जब तक आईडी प्रूफ और फार्म काउंटर पर देता है, तब तक तत्काल के टिकट बुक हो जाते हैं। इस सॉफ्टवेयर की मदद से राजधानी दिल्ली, मुंबई, जम्मू, देहरादून, गुवाहाटी और हावड़ा के लिए टिकटों की बुकिंग होती है। आम लोगों को इन जगहों के लिए तत्काल टिकट बहुत मुश्किल मिल पाता है। 4-5 मिनट में ही 30-40 सीटें बुक हो जाती है। बाद में इन्हीं टिकटों को दलाल ऊंचे दामों पर बेचते है। 

बुधवार, 13 जून 2012

राष्ट्रपति चुनाव


कांग्रेस खामोश, वाम दलों ने कहा कांग्रेस का कोई उम्मीदवार स्वीकार नहीं

 गुरुवार, 14 जून, 2012 को 00:45 IST तक के समाचार
राष्ट्रपति भवन
ममता और मुलायम ने यूपीए सरकार के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, मौजूदा प्रधानमंत्री मनमोहन
सिंह और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को राष्ट्रपति पद के लिए अपनी पसंद के रूप में पेश करके सबको चौंका दिया है.
उनके इस फैसले से अगले महीने 19 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में एक नया मोड़ आ गया है. इस बीच प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया है.
ऐसा लगता है कि कांग्रेस ये फैसला नहीं कर पा रही है कि मुलायम और ममता की इस संयुक्त राजनीतिक गुगली का जवाब कैसे दिया जाए.
कांग्रेस के किसी भी नेता ने इस बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है.
कांग्रेस की इस खामोशी ने रहस्य और गहरा दिया है. भारतीय मीडिया में ऐसी खबरें भी चलने लगीं हैं कि कहीं इन सबके पीछे कांग्रेस के ही किसी गुट का तो हाथ नहीं है जो मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में अब नहीं देखना नहीं चाहते हैं.
इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री पी नारायणसामी ने बुधवार की देर रात वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के निवास स्थान पर मुलाकात की.
"कांग्रेस ने राष्ट्रपति के मुद्दे पर विपक्ष से कभी कोई बात नहीं की थी लेकिन बुधवार की घटना से साफ हो गया है कि कांग्रेस ने अपने सहयोगियों से भी कोई संपर्क नहीं किया था. इस नए घटनाक्रम के कारण राष्ट्रपति का चुनाव दिलचस्प जरूर हो गया है."
शहनवाज हुसैन, भाजपा प्रवक्ता
लगभग 15 मिनट तक वो प्रणब मुखर्जी के घर पर रहे लेकिन वहां मौजूद मीडिया से उन्होंने कुछ भी बात नहीं की.

दिलचस्प चुनाव

प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने एक निजी भारतीय टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रपति के मुद्दे पर विपक्ष से कभी कोई बात नहीं की थी लेकिन बुधवार की घटना से साफ हो गया है कि कांग्रेस ने अपने सहयोगियों से भी कोई संपर्क नहीं किया था.
शहनवाज हुसैन के अनुसार इस नए घटनाक्रम के कारण राष्ट्रपति का चुनाव दिलचस्प जरूर हो गया है.
यूपीए के एक अहम घटक दल डीएमके ने भी कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है.
"प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम को राष्ट्रपति पद के लिए सुझाव दिए जाने पर मैं कुछ नहीं बोलूंगा.मैंने तो प्रणब मुखर्जी के नाम का सुझाव दिया था लेकिन अब पता नहीं कि ये सब कैसे हो गया. मौजूदा गहमागहमी ख़त्म होने के बाद मैं किसी नए नाम का सुझाव देंगे."
एम करूणानिधि, डीएमके प्रमुख
डीएमके प्रमुख एम करूणानिधि ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम को राष्ट्रपति पद के लिए सुझाव दिए जाने पर वो कुछ नहीं बोलेंगे.
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने प्रणब मुखर्जी के नाम का सुझाव दिया था लेकिन अब पता नहीं कि ये सब कैसे हो गया.
करूणानिधि के अनुसार मौजूदा गहमागहमी ख़त्म होने के बाद वो किसी नए नाम का सुझाव देंगे.

आम सहमति पर जोर

यूपीए के एक और सहयोगी एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि वो किसी व्यक्ति विशेष के नाम पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.
पवार ने कहा कि अब देखना ये है कि राष्ट्रपति पद के लिए आम सहमति बनाने के लिए कैसे रास्ता निकाला जाए.
"हमारी पार्टी को कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार स्वीकार नहीं होगा."
गुरूदास दासगुप्ता, सीपीआई सांसद
जनता दल(यू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि नए सिरे से सहमति बनाने की जरूरत है.
वामदलों की तरफ से मार्कस्वादी कम्यूनिस्ट पार्टी के सीतराम येचूरी ने कहा कि वाम दल चाहता है कि सर्वसम्मति से राष्ट्रपति का चुनाव हो.
येचूरी ने ये भी कहा कि यूपीए की तरफ से आधिकारिक तौर पर किसी का नाम पेश किए जाने के बाद ही सीपीएम इस बारे में अपनी राय देगी.
जबकि सीपीआई के गुरूदास दासगुप्ता ने कहा कि उनकी पार्टी को कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार स्वीकार नहीं होगा.
गौरतलब है कि बुधवार को सोनिया गांधी से मिलने के बाद ममता बनर्जी ने कहा था कि कांग्रेस ने प्रणब मुखर्जी और हामिद अंसारी के नाम का प्रस्ताव रखा है.
लेकिन मुलायम सिंह से मुलाकात के बाद ममता और मुलायम ने सोनिया गांधी के जरिए सुझाव गए दोनों नामों को खारिज करते हुए अपनी पसंद के तीन नाम की पेशकश कर दी.

ममता-मुलायम की सियासी सुनामी, यूपीए हैरान

नई दिल्ली/ब्यूरो
Story Update : Thursday, June 14, 2012    12:53 AM
UPA allies push for Manmohan as president, new twist in race
ममता बनर्जी और मुलायम सिंह यादव की जबर्दस्त सियासी चाल से देश का राष्ट्रपति चुनाव किसी थ्रिलर फिल्म की तरह रोमांचक हो गया है। ममता-मुलायम ने बुधवार की शाम न केवल कांग्रेस की पहली पसंद प्रणब मुखर्जी और दूसरी पसंद हामिद अंसारी को सिरे से खारिज कर दिया। बल्कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए आगे बढ़ा कर, चालाकी से पीएम के राजनीतिक वजूद पर सवाल खड़ा कर दिया! साफ है कि अगर मनमोहन के नाम पर कांग्रेस विचार करेगी, तो उसे सरकार का चेहरा बदलने की जोरदार कवायद करनी पड़ेगी।

ममता-मुलायम ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत पूरे यूपीए को हैरान करते हुए, कांग्रेस की चौतरफा घेराबंदी के लिए तीन नाम उछाले। जिनमें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम उनकी पहली पसंद हैं। इसके बाद उन्होंने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और अंत में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम प्रस्तावित किया।

इस दांव से कलाम रायसीना हिल्स की दौड़ में नंबर वन हो गए हैं। एनडीए पहले से ही उनका बड़ा पैरोकार है। मगर कांग्रेस के साथ वामपंथी दलों को कलाम स्वीकार नहीं है। ममता-मुलायम की सियासी जुगलबंदी से अगले राष्ट्रपति की कांग्रेस की तलाश काफी जटिल हो गई है। अब सभी दावेदारों की दौड़ के लिए मैदान खुल गया है। अगर कांग्रेस कलाम और सोमनाथ चटर्जी के नाम को खारिज करती है, तो मनमोहन सिंह को आगे बढ़ाने से उसे घर और सरकार में नए समीकरणों से दो-चार होना पड़ेगा। जो उसकी मुश्किलें ही बढ़ाएगा।

ममता-मुलायम के बीच मंगलवार से पर्दे के पीछे बुनी जा रही सियासत बुधवार शाम को राष्ट्रपति चुनाव के सियासी थ्रिलर के रूप में सामने आई। ममता बनर्जी सोनिया गांधी के निवास दस जनपथ पर पहुंचीं। 45 मिनट की मुलाकात के बाद उन्होंने पत्रकारों को कांग्रेस की पहली-दूसरी पसंद बता दी। इससे कांग्रेस असहज हो गई। ममता ने कहा कि सोनिया ने यह राय सहयोगियों दलों से बातचीत के बाद बनाई है। ममता ने स्पष्ट किया कि वह मुलायम सिंह यादव और अपनी पार्टी में विचार विमर्श के बाद अंतिम फैसला लेंगी।

इसके बाद वह सीधे मुलायम के घर 16 अशोक रोड पहुंचीं। डेढ़ घंटे के बाद सपा मुखिया केसाथ राष्ट्रपति पद के अपने तीन संभावित उम्मीदवारों की नई सूची एक पर्ची पर लेकर बाहर निकलीं। मुलायम सिंह ने नामों का ऐलान किया। इस तरह प्रणब और अंसारी का नाम खारिज करते हुए दोनों ने सभी दलों से इनमें से एक नाम को समर्थन देने की अपील भी कर डाली। इस मौके पर ममता कांग्रेस की पसंद पर प्रहार करने से भी नहीं चूकीं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए, जो ईमानदार हो, सबकी नजरों में जिसकी इज्जत हो और अच्छे से काम कर सके। ममता-मुलायम के खुलासे से सियासी समीकरणों ने जोरदार पलटी खाई है। यह तय हो गया है कि ममता-मुलायम ही असली किंगमेकर है।

हालांकि कांग्रेस या सरकार के खेमे से ममता-मुलायम की इस चाल पर फिलहाल टिप्पणी नहीं की गई है। संकेत है कि अगले दो-तीन दिनों में सोनिया यूपीए घटकों की बैठक बुलाकर उम्मीदवारी के इस थ्रिलर को क्लाइमेक्स की ओर ले जाने की पहल करेंगी।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

भारत में महिलाओं की स्थिति सबसे बुरीः सर्वे

 बुधवार, 13 जून, 2012 को 18:07 IST तक के समाचार
सर्वेक्षण में महिलाओं की स्थिति के बारे में 19 देशों के 370 विशेषज्ञों की राय ली गई
दुनिया के कुछ संपन्न देशों में महिलाओं की स्थिति के बारे में हुए एक शोध में भारत आख़िरी नंबर पर आया है.
थॉम्सन रॉयटर्स फ़ाउंडेशन के इस सर्वेक्षण में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार और हिंसा जैसे कई विषयों पर महिलाओं की स्थिति की तुलना ली गई.
स्थिति जानने के लिए इन देशों में महिलाओं की स्थितियों का अध्ययन करनेवाले 370 विशेषज्ञों की राय ली गई.
सर्वेक्षण 19 विकसित और उभरते हुए देशों में किया गया जिनमें भारत, मेक्सिको, इंडोनेशिया, ब्राज़ील सउदी अरब जैसे देश शामिल हैं.
भारत के पड़ोसी पाकिस्तान और बांग्लादेश सर्वेक्षण में शामिल नहीं किए गए.
सर्वेक्षण में कनाडा को महिलाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ देश बताया गया. सर्वेक्षण के अनुसार वहाँ महिलाओं को समानता हासिल है, उन्हें हिंसा और शोषण से बचाने के प्रबंध हैं, और उनके स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल होती है.
पहले पाँच देशों में जर्मनी, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस जैसे देश रहे. अमरीका छठे नंबर पर रहा.

भारत

महिलाओं की स्थिति

  • 1. कनाडा
  • 2. जर्मनी
  • 3. ब्रिटेन
  • 4. ऑस्ट्रेलिया
  • 5. फ़्रांस
  • 6. अमरीका
  • 18. सउदी अरब
  • 19. भारत
(स्रोतः थॉम्सन-रॉयटर्स फ़ाउंडेशन का सर्वेक्षण)
सर्वेक्षण में भारत की स्थिति को सउदी अरब जैसे देश से भी बुरी बताया गया है जहाँ महिलाओं को गाड़ी चलाने और मत डालने जैसे बुनियादी अधिकार हासिल नहीं हैं.
सर्वेक्षण कहता है कि भारत में महिलाओं का दर्जा दौलत और उनकी सामाजिक स्थिति पर निर्भर करता है.
भारत के 19 देशों की सूची में सबसे अंतिम पायदान पर रहने के लिए कम उम्र में विवाह, दहेज, घरेलू हिंसा और कण्या भ्रूण हत्या जैसे कारणों को गिनाया गया है.
सर्वेक्षण में कहा गया कि भारत में सात वर्ष पहले बना घरेलू हिंसा क़ानून एक प्रगतिशील कदम है मगर लिंग के आधार पर भारत में हिंसा अभी भी हो रही है.
इसके अनुसार विशेष रूप से अल्प आय वाले परिवारों में ऐसी हिंसा अधिक होती है.
भारत में ऐसी बहुत सारी महिलाएँ हैं जो सुशिक्षित और पेशेवर हैं और उन्हें हर तरह की आजादी और पश्चिमी जीवन शैली हासिल है.
सर्वेक्षण कहता है कि भारत में पहले एक महिला प्रधानमंत्री रह चुकी है और अभी देश की राष्ट्रपति एक महिला है, मगर ये तथ्य गाँवों में महिलाओं की स्थिति से कहीं से भी मेल नहीं खाते.
सर्वेक्षण के अनुसार भारत में दिल्ली और इसके आस-पास आए दिन महिलाओं के राह चलते उठा लिए जाने और चलती गाड़ी में सामूहिक बलात्कार होने की खबरें आती रहती हैं.
अखबारों में भी देह व्यापार के लिए महिलाओं की तस्करी और शोषण की खबरें छपती रहती हैं.
सर्वेक्षण कहता है कि कई मामलों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाज में स्वीकार्य भी समझा जाता है.
इसमें एक सरकारी अध्ययन का उल्लेख किया गया है जिसमें 51 प्रतिशत पुरूषों और 54 प्रतिशत महिलाओं ने पत्नियों की पिटाई को सही ठहराया था.

सोमवार, 11 जून 2012

ये जो कहते हैं उस पर कायम रहते हैं !

विधायकों को लोस चुनाव नहीं लड़ाएगी सपा

Jun 12, 01:41 am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव अभी भले ही दूर हों, लेकिन समाजवादी पार्टी पूरी शिद्दत से तैयारी में जुट गई है। पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अपने किसी भी विधायक को लोकसभा चुनाव न लड़ाने का फैसला किया है। यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर सपा से चुनाव लड़ने के लिए 900 लोगों ने आवेदन किया है। उनमें किस सीट पर कौन चुनाव जीत सकता है, इसका पता लगाने के लिए पार्टी जल्द ही पर्यवेक्षक भेजेगी। पार्टी केंद्रीय संसदीय बोर्ड की सोमवार हुई बैठक में यह फैसला किया गया।
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय महासचिव मोहन सिंह एवं प्रो. रामगोपाल यादव ने पत्रकार वार्ता में कहा कि पार्टी 80 में 58 लोकसभा सीटों के लिए पर्यवेक्षक भेजकर आवेदकों की जमीनी हकीकत का आकलन करेगी। पार्टी के अभी 22 सांसद हैं और इन सीटों के लिए पर्यवेक्षक नहीं भेजे जाएंगे। प्रो. यादव ने बताया कि पर्यवेक्षकों को भेजे जाने की तारीख के हफ्ते भर में रिपोर्ट देनी होगी।
उन्होंने कहा कि अन्य मुद्दों पर 10 व 11 जुलाई को कोलकाता में होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चर्चा की जाएगी। यह पूछे जाने पर कि क्या प. बंगाल की तरह उत्तर प्रदेश के लिए सपा भी पैकेज चाहती है, मुलायम ने कहा, 'प्रदेश की पिछली बसपा सरकार ने स्थिति खराब कर दी है। इसलिए केंद्र से यूपी को अधिक से अधिक मदद मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री इसके लिए प्रधानमंत्री से मिल भी चुके हैं'।
एक अन्य सवाल पर उनका कहना था कि 'नोएडा में पिछली सरकार की गड़बड़ियों की जांच के लिए कोई अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया है'।
दो महीने में ठीक होगी यूपी की कानून-व्यवस्था
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनने के बाद कानून-व्यवस्था ठीक रखना प्राथमिकता पर है। प्रदेश सरकार हर जिले में बड़े-बड़े और छोटे से छोटे अपराधी व उचक्कों तक की सूची बनवा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही सूची बन जाएगी। उसके बाद हफ्ते के भीतर ऐसे बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई शुरू होगी। आइजी स्तर के अधिकारी कार्रवाई की समीक्षा करेंगे। सपा महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा, 'दो महीने और दीजिए। कार्रवाई के साथ ही प्रदेश की कानून-व्यवस्था और बेहतर होगी'।