मंगलवार, 30 अक्टूबर 2012

बहन जी ठीक कह रही हैं .........


आठ महीने में जाहिर हो गया सपा का जंगलराज.Oct 30, 08:39 pm

लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार से लौटते ही बसपा प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी पर हल्ला बोला। मंगलवार को जारी बयान में उन्होंने उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे व तनाव बढ़ने को सपा सरकार की विफलता बताया, साथ ही अपने कार्यकाल में कोई दंगा न होने की याद दिलाई। उनका कहना था कि आठ माह के अल्पकाल में कोसीकलां, बरेली व प्रतापगढ़ के बाद अब फैजाबाद में दंगा होने से सपा का जंगलराज व गुंडाराज जगजाहिर हो गया है। इन शहरों में बार-बार क‌र्फ्यू लगना चिंताजनक है।
प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी सांप्रदायिक तनाव बना रहने से जनता में दहशत बढ़ी है। सपा सरकार के रवैये ने पुलिस प्रशासन को पंगु बना दिया है। सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के बजाय सरकार हवाई घोषणाओं में आपराधिक स्तर तक व्यस्त है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था संभालने में सपा सरकार काफी लाचार व मजबूर मालूम पड़ रही है। सपा को बसपा से शासन को चलाने का सबक सीख कर प्रदेश में अपराध नियंत्रण का प्रयास करना चाहिए।

मंगलवार, 23 अक्टूबर 2012

उत्तर प्रदेश में क्या हो रहा है?

मान। राजा राम पांडे के लठैत हैं ये सब ....................

यूपी के मंत्री ने प्रेस फोटोग्राफर को बंधक बनाकर पीटा

लखनऊ/अमर उजाला ब्यूरो | Last updated on: October 23, 2012 11:11 PM IST

कैसरबाग पुलिस ने राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त सपा नेता नटवर गोयल को प्रेस फोटोग्राफर को बंधक बनाकर पीटने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि नटवर ने एक स्कूल को ढहाकर कांप्लेक्स के निर्माण की कवरेज कर रहे एक प्रेस फोटोग्राफर को अपने गुर्गों व दो सुरक्षाकर्मियों की मदद से बंधक बनाकर पीटा और कैमरा व चेन लूट ली।

हमले की खबर पर पहुंचे अन्य छायाकारों की भी नटवर के गुर्गों ने पिटाई की। घंटों बवाल के बाद कैसरबाग पुलिस नटवर को जीप में लादकर ले गई। दो फोटोग्राफरों ने संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। देर शाम मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नटवर गोयल को खादी व ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष पद से बर्खास्त कर पार्टी से बाहर कर दिया।

पुलिस के मुताबिक, राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष नटवर गोयल द्वारा कैसरबाग क्षेत्र में वाल्मीकि मार्ग पर अयोध्या पैलेस नामक कांप्लेक्स का निर्माण कराया जा रहा है। एक अखबार का फोटोग्राफर आशुतोष गुप्ता मंगलवार दोपहर कवरेज करने गया था। फोटो खींचते ही नटवर के गुर्गों ने उसे घेर लिया।

इस बीच नटवर दो सुरक्षाकर्मियों, अपने मैनेजर रवि सिंह व अन्य साथियों समेत आ धमका और आशुतोष को पीटते हुए अपने केबिन में ले गया। उसका कैमरा व चेन छीन ली। आशुतोष के फोन पर थोड़ी देर में अन्य अखबार के छायाकार आदि वहां पहुंचे। नटवर के गुर्गों ने उन पर भी हमला कर दिया। जब पुलिस अधिकारी पहुंचे तो नटवर ने पत्रकारों पर हमले का आरोप लगाते हुए अपने कपड़े फाड़ने शुरू कर दिए। इसकी फोटो खिंचते देख वह केबिन में जा घुसा।

पुलिस को पहले तो उसने अपने पद व पहुंच का रौब दिखाया। पत्रकारों के तेवर देखते हुए पुलिस नटवर को जीप में लादकर कैसरबाग कोतवाली ले गई। देर शाम समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री व सपा प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नटवर गोयल को अनुशासनहीन आचरण के आरोप में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष पद और पार्टी की सदस्यता से बर्खास्त कर दिया है।

कपड़े फाड़ बोला, मैं भी लिखाऊंगा रिपोर्ट
सत्ता के मद में चूर होकर प्रेस फोटोग्राफर आशुतोष गुप्ता की पिटाई करने वाले राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त सपा नेता नटवर गोयल ने मीडिया की ओर से रिपोर्ट दर्ज करने तथा गिरफ्तारी का दबाव बढ़ता देख पुलिस अफसरों व कैमरे के सामने अपनी शर्ट फाड़ी और बोला मैं भी रिपोर्ट लिखाऊंगा कि फोटोग्राफर ने मुझे पीटा है। इसकी रिकार्डिंग वीडियो कैमरे में होता देख नटवर ने आरोप जड़ा कि छायाकार कांप्लेक्स के निर्माण के बहाने एक महिला की फोटो खींच रहा था।

नटवर लाल के नक्शेकदम पर नटवर गोयल
सपा के कद्दावर नेताओं से जोड़तोड़ करके खादी व ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष की कुर्सी हथियाने वाले प्रॉपर्टी डीलर व बिल्डर नटवर गोयल का आपराधिक इतिहास भी है। जानकीपुरम के सहारा स्टेट निवासी दीपक सिंह ने सात महीने पहले कैसरबाग कोतवाली में उसके खिलाफ जालसाजी, अमानत में खयानत व बंधक बनाकर धमकाने की रिपोर्ट लिखाई थी। दीपक का आरोप है कि नटवर गोयल ने अपने साथी सलमान, सलीम, अफसर व शमशाद की मदद से जमीन के सौदे के बहाने उसके दस लाख रुपये हड़प लिए। इस मामले की अभी तफ्तीश चल रही है।

त्रस्त थे पुलिसकर्मी
नटवर गोयल ने राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के बाद से कैसरबाग पुलिस की नाक में दम कर रखा था। कैसरबाग की चाइना बाजार पुलिस चौकी के सिपाहियों का कहना है कि मामूली बात पर फोन करके पुलिस को बुलाता। किसी भी व्यक्ति को पकड़ने का आदेश देता। थोड़ी देर बाद उसे छोड़ने का फरमान सुनाता। उसकी दखलंदाजी के चलते कुछ ही दिनों में दो चौकी इंचार्जों ने अपना तबादला करा लिया था।

गुरुवार, 4 अक्टूबर 2012

सैफई सिर्फ एक गाँव है

सैफई सिर्फ एक गाँव है इसके विकास की तर्ज़ पर क्या प्रदेश के और गाँव विकसित किये जायेंगे।
डॉ.लाल रत्नाकर

रोजगार नहीं मिलने तक देंगे भत्ता: मुलायम

Oct 04, 11:16 pm
इटावा [जागरण संवाददाता]। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि प्रदेश के बेरोजगारों को समाजवादी पार्टी रोजगार देगी और जब तक रोजगार नहीं मिलता तब तक भत्ता दिया जाएगा।
वह गुरुवार को सैफई महोत्सव पंडाल में इटावा, मैनपुरी के कन्या विद्या धन व बेरोजगारी भत्ता वितरण समारोह में आए लोगों को संबोधित कर रहे थे। इसमें 14500 लाभार्थियों को लाभान्वित किया। उन्होंने कहा कि सपा ने चुनावी घोषणा पत्र में जो वादे किए थे उन्हें एक-एक कर पूरा किया जा रहा है। उन्होंने छात्राओं से कहा कि वे कन्या विद्या धन के पैसे का आगे की पढ़ाई में उपयोग करें। लड़कियां केवल इंटर पास न करें बल्कि यूनीवर्सिटी तक जाएं। गांव की लड़कियां अवश्य पढ़ाई करें। उन्होंने कहा कि चार साल पहले के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 58 फीसद महिलाएं निरक्षर थीं।
उत्तर प्रदेश आदर्श प्रदेश बनाना है। नई उद्योग नीति लागू कर दी है। किसान बीमा योजना के साथ सिंचाई का पानी मुफ्त होगा। फसल का वाजिब मूल्य मिलेगा। लैपटॉप व कंप्यूटर डेढ़ माह में मिलने लगेंगे।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इटावा के लिए 46 योजनाओं व मैनपुरी जनपद के लिए 13 नई योजनाओं की घोषणा की। इटावा में सैफई मेडिकल कालेज में 500 बेड क्षमता विस्तार, ट्रामा एवं बर्न सेंटर निर्माण, सैफई विकास प्राधिकरण का गठन, चार नए विद्युत उपकेंद्र, भरथना में रेलवे उपरिगामी सेतु, क्षतिग्रस्त सड़कों का निर्माण, इटावा स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ, पेयजल योजना का विस्तार, मैनपुरी में किशनी को तहसील का दर्जा, कुरावली में महिला कालेज की स्थापना मुख्य हैं।
लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि प्रदेश के खारा पानी वाले क्षेत्रों में तीन हजार करोड़ की योजना तैयार की गई है। ऐसे 16 जिलों में अच्छा पानी उपलब्ध होगा। नौ हजार करोड़ की लागत से रजबहा माइनर व नहरें दुरस्त की जाएंगी। तीन साल में सिंचाई पर 20 हजार करोड़ रुपया खर्च होगा। प्रदेश की सड़कें 15 अक्टूबर तक गड्ढा मुक्त हाोंगी।
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री डा. वकार अहमद शाह ने स्वागत व राज्यमंत्री श्रम एवं सेवायोजन शाहिद मंजूर ने समापन भाषण दिया। स्कूली बच्चों के स्वागत गीत गाकर 21 हजार का इनाम पाया। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन, कपड़ा एवं रेशम मंत्री शिवकुमार बेरिया, प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन शैलेष कृष्ण भी थे।
गुजरात में मुलायम भी ठोकेंगे ताल
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनने का दूसरे राज्यों में कितना फायदा मिलेगा? अभी से यह कहना तो मुश्किल है, लेकिन सपा यह प्रयोग जरूर करेगी। शुरुआत गुजरात से होगी। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने गुजरात विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने का फैसला कर लिया है। नजर, लगभग सौ सीटों पर खुद की राजनीतिक जमीन आंकने की है। प्रत्याशियों का टिकट अगले 15 दिनों में फाइनल करने की योजना है।
गुजरात चुनाव में उतरने का फैसला पार्टी ने बहुत सोच-समझकर लिया है, क्योंकि वहां भाजपा व उसके मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के बीच लड़ाई किसी से छिपी नहीं है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव और गुजरात प्रभारी रामजी लाल सुमन कहते हैं,'गुजरात के इस चुनाव में खुद भाजपा के कई पुराने नेता मोदी को हराना चाहते हैं। बावजूद इसके कांग्रेस खुद की राजनीतिक जमीन उतनी मजबूत नहीं बना सकी, जितने की दरकार थी। वहां यूपी व बिहार की बड़ी आबादी रहती है। सपा की पंथनिरपेक्ष छवि देश के अल्पसंख्यकों से छिपी नहीं है। ऐसे में पार्टी वहां सौ सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। कोशिश होगी अगले 15 दिनों में प्रत्याशी तय कर दिए जाएं'।
गुजरात में पार्टी की नजर कुछ खास क्षेत्रों में है। उसकी पड़ताल के लिए सुमन माह भर पहले अहमदाबाद गए थे। बीते दिनों सूरत में थे। जिताऊ सीटों व मजबूत उम्मीदवारों की तलाश में ही हफ्ते भर बाद बड़ौदा जाएंगे। ज्ञात हो,गुजरात में विस की 182 सीटें हैं, जिसमें से 117 पर भाजपा और 55 पर कांग्रेस का कब्जा है।
हालाकि, सपा के विस्तार की इस पहल में उसकेगुजरात जाने को कांग्रेस को क्षति पहुंचाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। सपा नेताओं का कहना है कि यह कतई तर्कपूर्ण नहीं कि सपा अन्य दलों के फायदे के लिए दूसरे राज्यों में न जाए। मोदी सरकार के खिलाफ जिस तरह की लड़ाई की जरूरत है, बीते दो दशकों में कांग्रेस चाहकर भी वैसा नहीं कर सकी है। सपा को भी यह हक है कि वह दूसरे दलों की तरह खुद की नीतियां-कार्यक्रम लेकर दूसरे राज्यों में जाए। पार्टी उसी दिशा में आगे बढ़ रही है। बात सिर्फ गुजरात की नहीं, बल्कि आगे चलकर वह मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में भी यह प्रयास करेगी।

शुक्रवार, 28 सितंबर 2012

क्या ऐसी योजना है मुख्यमंत्री की



यूपी पढ़ेगा तभी देश बढ़ेगा

Sep 28, 12:25 pm
नई दिल्ली। हा, उत्तर प्रदेश पढ़ेगा, तभी देश बढ़ेगा। वह जमाना गया, जब हम महज इसलिए खुश हो लेते थे कि हमारे पास महामना का बीएचयू है। सर सैय्यद का एएमयू है। देश-दुनिया में नाम कमा रहा है आइआइटी-कानपुर है। तब से अब तक वैश्विक स्तर की ऊंची पढ़ाई में रोज-ब-रोज क्रांति हो रही है। ऐसे में देश के सबसे बड़े सूबे में उच्च शिक्षा के संस्थानों की भरमार, शोध में वृद्धि, निजी क्षेत्र से हाथ मिलाना और उद्योग आधारित पाठ्यक्रम आदि में अब चुके तो देश पिछड़ जाएगा। साफ है, पहल उत्तर प्रदेश को ही करनी होगी।
सच तो यह है कि यह सब हमें बहुत पहले करना था। नहीं कर सके। देश के ही दूसरे राज्य को दूसरी नजरों से देख रहे हैं। आज महज साढ़े सात करोड़ की आबादी वाले राज्य तमिलनाडु में सरकारी व निजी मिलाकर कुल 59 विश्वविद्यालय हैं। जबकि, 20 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में सिर्फ 58 विश्वविद्यालय हैं। उनमें भी चार केंद्रीय, बाकी राज्य सरकार व निजी क्षेत्र के हैं। इसी तरह महज 11 करोड़ की आबादी वाले महाराष्ट्र में 4631 कालेज हैं तो उसकी दोगुनी आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 3859 कॉलेज हैं।
तस्वीर के दूसरे रुख को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। स्कूली शिक्षा की जरूरतों को पूरा करना लाजिमी है। 5.14 करोड़ निरक्षरों वाले इस प्रदेश में 3.12 लाख शिक्षकों की कमी की अनेदखी नहीं की जा सकती। वह भी तब, जब हर साल लगभग 12 हजार शिक्षक रिटायर हो रहे हैं। 254 स्कूल बिना भवन के चल रहे हैं। 887 स्कूलों में पीने का पानी नहीं है। 2022 तक 50 करोड़ लोगों को स्किल्ड बनाने के लिए 1500 आइटीआइ की जरूरत है। जबकि, 458 असेवित ब्लाकों में कोई आइटीआइ है ही नहीं। नौ मंडल मुख्यालयों पर कोई विश्वविद्यालय ही नहीं है।
यह स्थितिया निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ा सबक हैं, लेकिन इसे बदला जा सकता है। शिक्षाविदों का मानना है कि संसाधनों के विस्तार को निजी क्षेत्र से हाथ मिलाने में उदारता दिखानी होगी। शोध व इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा विश्वविद्यालयों को अतिरिक्त मदद की जरूरत है। विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम स्थानीय उद्योगों की जरूरत के लिहाज से तैयार हों तो शोध को और गति मिलेगी। विश्वविद्यालयों से बेहतर नतीजों के लिए उनका पाच साल की प्रगति का खाका तैयार होना चाहिए। यह पहले से तय हो कि वे पाच साल बाद कहा होंगे। साथ ही समय-समय पर उनकी प्रगति की समीक्षा भी जरूरी है।
पारदर्शिता के मद्देनजर हर विश्वविद्यालय व कॉलेज की सफलता की दर को उनकी वेबसाइट पर खुलासा होना चाहिए। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सवाल अहम् है। लिहाजा, शिक्षकों की नौकरी के दौरान हर विश्वविद्यालय में उनके नियमित प्रशिक्षण का केंद्र खोला जा सकता है।
शिक्षा की राह में धन की कमी एक बड़ी बाधा है। सामाजिक दायित्वों की रोशनी में राज्य सरकार उसके लिए शिक्षा उपकर [सेस] का रास्ता भी तलाश सकती है। केंद्र सरकार का मानना है कि एक दशक में देश को लगभग 400 और विश्वविद्यालयों और लगभग 30 हजार नये कालेजों की जरूरत पड़ेगी। जाहिर है इसमें उत्तर प्रदेश को बड़ी भूमिका निभानी पड़ेगी।
लिहाजा, जो कल करना है, उसे आज से ही शुरु कर देने में प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश की भी भलाई है। क्योंकि इस प्रदेश के पिछड़ने का असर देश पर पड़ता है। ऐसे में सच यही है कि उत्तर प्रदेश पढ़ेगा तो देश बढ़ेगा।
[राजकेश्वर सिंह]

यूपी चमका तो मिटेगा अज्ञान का अंधकार                      Sep 28, 12:25 pm

नई दिल्ली। देश-दुनिया में अपनी मेधा का लोहा मनवाते रहे उत्तर प्रदेश की यह उलटबासी नहीं तो और क्या है कि उसकी सबसे कमजोर नब्ज शिक्षा ही है।
देश की 74 फीसदी साक्षरता दर के मुकाबले 20 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में प्रति 100 व्यक्तियों में 70 लोग ही साक्षर हैं। कुल मिलाकर देश के 27 करोड़ अनपढ़ों में इस उत्तर प्रदेश से ही सवा पाच करोड़ निरक्षर आते हैं। यह शर्मनाक आंकड़ा मायूस करने वाला है, लेकिन दूसरा पहलू यह है कि थोड़े से प्रयास उत्तर प्रदेश न सिर्फ अपना, बल्कि पूरे देश की साक्षरता की तस्वीर बदल सकता है।
यह कोरी उम्मीद नहीं, तथ्य है। थोड़े से प्रयासों के जो नतीजे आए हैं,उससे उत्तर प्रदेश के भी हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिलने की उम्मीदें जवान हुई हैं। शिक्षा की तरफ लोगों की जागरूकता बढ़ी है। अब जिम्मेदारी सरकार व समाज के दूसरे सबल व सक्षम तबकों की है। चुनौती बड़ी है, लेकिन वास्तव में उम्मीद की किरण इस तथ्य से पैदा होती है कि दाखिले के बाद अब 80 फीसदी बच्चे स्कूल में टिकने लगे हैं। वरना पहले स्थिति बहुत ज्यादा खराब थी।
हालांकि, इस मामले में गौतमबुद्धनगर, रायबरेली, सुलतानपुर समेत 30 जिलों में स्थिति अब भी बदतर है। प्रदेश सरकार का ध्यान इस तरफ गया है तो नतीजे बदलने की उम्मीद की जानी चाहिए। बीच में पढ़ाई छोड़ने की स्थिति में सुधार भी बेहतरी की तरफ इशारा कर रहा है। प्राइमरी में अभी 11.06 प्रतिशत बच्चे बीच में पढ़ाई छोड़ रहे हैं। जबकि, पहले 16.71 प्रतिशत बच्चे दाखिला तो लेते थे, लेकिन मंजिल तक नहीं पहुंचते थे। इधर, तीन लाख से अधिक अतिरिक्त क्लासरूम बनाए जा चुकें हैं। इस साल 15 हजार से अधिक और बनेंगे। साथ ही प्रदेश सरकार ने शहरों में स्कूलों से वंचित बच्चों की पहचान के लिए लखनऊ, कानपुर, आगरा, इलाहाबाद, वाराणसी में सर्वे कराने का भी फैसला भी किया है।
हालाकि, चुनौती अभी बहुत बड़ी है। बीस करोड़ की आबादी वाले इस राज्य में लगभग तीन करोड़ बीस लाख बच्चे स्कूलों में हैं। छह से चौदह साल के महज एक लाख बच्चों को ही स्कूल तक पहुंचाने की चुनौती सामने है। उसमें भी प्रदेश के सीतापुर, हरदोई, महराजगंज, मिर्जापुर और फतेहपुर जिलों में सबसे ज्यादा फोकस करने की जरूरत है। वैसे राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र ने प्रदेश के लिए दस हजार से अधिक प्राइमरी, एक हजार से अधिक अपर प्राइमरी और लगभग सवा सौ कंपोजिट स्कूलों को खोलने की मंजूरी दे रखी है।
खुद, केंद्र सरकार अकेले बूते शिक्षा के लिए सब कुछ कर पाने में हाथ खड़ा कर चुकी है। वह निजी क्षेत्र की ओर निहार रही है। जाहिर है उत्तर प्रदेश को भी इसकी दरकार है। प्रदेश में सपा की सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विकास परियोजनाओं के लिए सार्वजनिक-निजी क्षेत्र भागीदारी [पीपीपी] की पैरवी लगातार कर रहे हैं। बावजूद इसके जरूरतमंदों में शिक्षा की पहुंच बढ़ाने के लिए ही प्रदेश सरकार शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 70 आवासीय स्कूल अपने बूते खोलना चाहती है। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत स्कूल तक जाने-आने के साधनों की दिशा में कदम उठे हैं। प्रदेश सरकार ने शिक्षा के बजट में लगभग 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। 13वें वित्त आयोग ने भी चालू वित्तीय वर्ष में प्रारंभिक शिक्षा के लिए 1027 करोड़ की मंजूरी दी है। इसमें केंद्र व राज्य मिलकर सहयोग करेंगे।
स्कूली शिक्षा प्रगति रिपोर्ट एक नजर-
-खर्च [मार्च-2012 तक] उपलब्ध धन का 87 प्रतिशत
सर्वशिक्षा अभियान- 13वें वित्त आयोग के अनुदान में राज्य ने अपने हिस्से का 871 करोड़ जारी किया
सिविल कार्य- 26 प्रतिशत कार्य पूरा
सामाजिक सहभागिता- 370 विकलाग लड़कियों का कस्तूरबा गाधी बालिका विद्यालयों में दाखिला
राजकेश्वर सिंह

रविवार, 9 सितंबर 2012

रोजगार भी देगी यूपी सरकार

बेरोजगारी भत्ता ही नहीं रोजगार भी देगी यूपी सरकार

लखनऊ/ब्यूरो
Story Update : Monday, September 10, 2012    2:03 AM
akhilesh launches unemployment allowance scheme
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सपा सरकार भत्ता ही नहीं बेरोजगारों को रोजगार भी देगी। यूपी के 25 से 40 वर्ष तक के युवाओं को जब तक रोजगार नहीं मिलेगा, भत्ता दिया जाता रहेगा। भत्ते के लिए यदि जरूरी हुआ तो बजट बढ़ा दिया जाएगा पर किसी बेरोजगार को निराश नहीं होने दिया जाएगा। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा कि हमने काफी सोच समझकर घोषणा पत्र तैयार किया है। इसे पांच साल के अंदर ही पूरा कर देंगे।

राजधानी के काल्विन कॉलेज तालुकेदार मैदान पर रविवार को आयोजित बेरोजगारी भत्ता वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री व सपा मुखिया ने मंच पर 50 बेरोजगारों को भत्ते का चेक प्रदान किया। इसके अलावा कार्यक्रम में मौजूद सात जिलों कानपुर, उन्नाव, रायबरेली, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई व लखीमपुर खीरी के 10 हजार 338 बेरोजगारों को भी भत्ता बांटा गया।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सपा मुखिया ने 2006 में जो योजना शुरू की थी, उसे पिछली सरकार ने बंद कर दिया। सपाइयों और युवाओं के संघर्ष से हम सत्ता में आए हैं इसलिए बेरोजगारी भत्ते की शुरुआत फिर से की गई है। सूबे में सबसे अधिक किसान और बेरोजगार परेशान हैं। सपा की पिछली सरकार ने उद्योग को बढ़ावा दिया। कई बड़े औद्योगिक घराने आए, लेकिन पिछली सरकार ने उन्हें खदेड़ दिया। इससे यूपी का जितना विकास होना चाहिए, नहीं हुआ।

उन्होंने कहा, सरकार दूध और बिजली के क्षेत्र में काम करना चाहती है। ऊर्जा के क्षेत्र में जितना काम होना चाहिए, नहीं हुआ। विद्युत आपूर्ति के नाम पर घपले और घोटाले हुए। भरोसा दिलाता हूं कि बिजली की समस्या का जल्द समाधान हो जाएगा। सरकार नौजवानों के साथ किसान और बुनकर को भी फायदा देगी। सरकार को अभी मात्र छह माह ही हुए हैं, पर सभी वादे पूरे किए जाएंगे।

किसानों को नहर से पानी भी मुफ्त
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा कि 1957 में राम मनोहर लोहिया ने जो नारा दिया था वह पूरा हो रहा है। लोहिया जी ने नारा दिया था कि रोजगार दो या बेरोजगारी भत्ता दो। विशाल यूपी में सपा ने अपने दम पर सरकार बनाई। हमने घोषणा पत्र काफी सोचने के बाद मात्र 24 पेज का तैयार कराया। इन वादों को पांच साल के अंदर पूरा किया जाएगा।

अन्य दलों के लंबे चौड़े घोषणा पत्र से किसी का भला होने वाला नहीं है। वादे के मुताबिक किसानों को नहर और ट्यूबवेल से मुफ्त पानी दिया जाएगा। सरकार सभी वर्गों को साथ लेकर चल रही है। प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे पर सदन में विरोध करने पर अखबारों में छपा की मुलायम अकेले पड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि हम अकेले भले ही पड़ गए हैं, लेकिन हमारा मुद्दा अकेला नहीं है।

फिसली जुबान, कहा-नहीं मिलेगा भत्ता
मुलायम सिंह यादव बेरोजगारी भत्ता बांटने के बाद जब लोगों को संबोधित कर रहे थे तो उनकी जुबान फिसल गई। उनके मुंह से निकल गया कि अगले साल नहीं मिलेगा 30 हजार। इसके आगे बोले कि तीन माह में मिलेगा 90 हजार। मुख्यमंत्री अखिलेश के समझाने पर गलती सुधारी तो कहा कि साल में 12 हजार मिलेगा भत्ता। कहा कि भत्ता खाते में ही रखना। पिता को शराब पीने के लिए मत देना। जब वे मांगें तो कहना कि यह हमारी पूंजी है। फिर मुलायम को समझाया गया कि भत्ता तो ऑनलाइन खाते में ही दिया जाएगा, इसके बाद वह शांत हुए।

सरकार प्रयास करेगी कि नए उद्योग लगें और लोगों को रोजगार मिले। भत्ता तो एक छोटी सी मदद है। इसी तरह लड़कियों की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए कन्या विद्या धन योजना की शुरुआत की गई है। अल्पसंख्यक छात्राओं के लिए भी योजना शुरू कर दी गई है। जिस भरोसे पर सरकार बनी है, उसे जरूर पूरा किया जाएगा।

इन्हें मिला मुख्यमंत्री के हाथों चेक
लखनऊ: अर्शी बनो, शबाना शेख, जिया खानम, शहाना खान, तहसीन अख्तर, उपमा यादव, किरन देवी, राम सिंह, वीरेंद्र कुमार, अजय कुमार, अशद रजा, श्रीराज गौतम, मो. अफसरोज, बंदना यादव।
सीतापुर: विजय कुमार यादव, मो. आरिफ खान, रमेश कुमार मिश्र, महशर जहां, अफसाना खातून, प्रेमलता गुप्ता।
हरदोई: शाहिन खातून, मंजू सैनी, रोशन आरा, नुजहत फातिमा, वीर प्रताप सिंह, रामजी कटियार, संतोष कुमार सिंह।
लखीमपुर खीरी: सर्वेश कुमार मिश्रा, अवधेश कुमार, अतुल मोहन बीरू, राजकमल वर्मा, वसी अहमद, शाहिनी।
रायबरेली: लोकनाथ यादव, नासिर रजा, सुनील कुमार यादव, अन्नपूर्णा श्रीवास्तव, सीमा परवीन, इंदू यादव।
उन्नाव: नौशाबा नाजिश, माधूरी, अफसाना बेगम, संतोष कुमार, संजीव कुमार अवस्थी, मो. कलीम खान।
कानपुर नगर: आशीष कुमार पांडेय, योगेंद्र कुमार दीक्षित, बीना, शबनम फात्मा व सीता देवी कोरी।

शनिवार, 8 सितंबर 2012

उत्‍तर प्रदेश में होगी 25 हजार पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती

आज की खबर से एक संभावना प्रबल हो गयी है कि  कहीं यह पुरानी हरकतें न कर बैठें पुलिस कान्सटेबलों की भरतीयों  में इसलिए  हो सकता है की  यह सरकार इन बातों पर विशेष ध्यान रखे की पिछली बार की भारतियों की तरह इनके मंत्री 'भरतीं की दूकान न खोल लें'
डॉ.लाल  रत्नाकर 

उत्‍तर प्रदेश में होगी 25 हजार पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती

मुरादाबाद/ब्यूरो
Story Update : Sunday, September 09, 2012    12:23 AM
35 thousand constable recruitment in uttar pradesh
बेरोजगार युवकों के लिए खुशखबरी। तैयारियां शुरू कर दो। जमकर दौड़ो, डंड बैठक लगाओ। तैयारियों के लिए बस तीन से चार महीने का वक्त बचा है। यूपी में फिर दूसरा बड़ा भर्ती मेला लगने जा रहा है। नवंबर या दिसंबर से प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्रदेश सरकार पच्चीस हजार कांस्टेबलों की भर्ती करने जा रही है।

पिछली सरकार में पैंतीस हजार कांस्टेबलों की भर्ती हुई थी। इसमें प्रदेश के 102 ट्रेनिंग सेंटरों पर प्रशिक्षण दिलाया गया। अब मौजूदा सरकार भी पच्चीस हजार कांस्टेबलों की भर्ती करने जा रही है। हालांकि अभी कोई तारीख या महीना घोषित नहीं हुआ है लेकिन जिस तरह से तैयारियां चल रही हैं, उससे माना जा रहा है कि नवंबर या दिसंबर से प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

इस बार भर्ती प्रक्रिया में कुछ बदलाव भी किया जा रहा है। जो दौड़ है, उसे इस तरह से कराया जाएगा, कि पहले पहुंचने वालों को पहला नंबर दिया जाए। कुल मिलाकर नंबरिंग की तैयारी हो रही है। फिजिकल में कुछ दूसरे बदलाव की भी कवायद चल रही है। ट्रेनिंग मुख्यालय ने सभी प्रशिक्षण केंद्रों को चौकस कर दिया है। मौजूदा समय में सभी जगह दारोगाओं की ट्रेनिंग चल रही है। दारोगाओं का छह माह का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद कांस्टेबलों की ट्रेनिंग कराई जाएगी।

श्वेत क्रांति के जनक


श्वेत क्रांति के जनक वर्गीज कुरियन का निधन

 रविवार, 9 सितंबर, 2012 को 07:18 IST तक के समाचार
वर्गीज़ कुरियन लंबे समय से बीमार चल रहे थे.
भारत में श्वेत क्रांति के जनक माने जाने वाले वर्गीज़ कुरियन की मृत्यु हो गई है. वो 90 वर्ष के थे.
केरल में जन्मे कुरियन को गुजरात के आनन्द शहर में सहकारी डेरी विकास के एक सफल मॉडल की स्थापना करने और भारत को दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बनाने के लिए जाना जाता है.
वर्ष 1973 में उन्होंने गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फ़ेडरेशन (जीसीएमएमएफ़) की स्थापना की और 34 साल तक इसके अध्यक्ष रहे.
जीसीएमएमएफ़ ही वो संस्था है जो अमूल के नाम से डेयरी उत्पाद बनाती है.
11 हज़ार से अधिक गाँवों के 20 लाख से अधिक किसानों की सदस्यता वाली इस संस्था ने, सहकारिता के क्षेत्र में दूध और अन्य उत्पादों के लिए एक इतिहास रचा है.

पद्म पुरस्कारों से सम्मानित

कुरियन के जीवनकाल में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया.
वर्ष 1965 में उन्हें रेमन मैगसायसाय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.
वर्गीस कुरियन आणंद के इंस्टिट्यूट ऑफ़ रुरल मैनेजमेंट (आईआरएमए) के अध्यक्ष भी रहे हैं.
इसी हफ्ते मुंबई में इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने डॉ.कुरियन के जीवन पर आधारित एक ऑडियो बुक का अनावरण किया था.
‘द मैन हू मे़ द एलिफैंट डांस’ नाम की ये ऑडियो बुक, वर्ष 2005 में छपी उनकी जीवनी, ‘आई टू हैड ए ड्रीम’ पर आधारित है.
इसका अनावरण करते हुए नारायण मूर्ति ने कहा था, “एक सभ्य समाज वही है जो किसी के महत्वपूर्ण योगदान का आभार व्यक्त करे, अगर हमारा देश डॉ. कुरियन को भारत रत्न से सम्मानित नहीं करता तो मुझे नहीं समझ आता कि और कौन इस सम्मान के योग्य है.”