सोमवार, 13 अगस्त 2012

(टिप्पणी)
कभी कुछ कभी कुछ ये तुगलकी फरमान बंद होने चाहिए बेरोजगारी भत्ते का कहीं वही हश्र न हो जो पिछले 'कन्याविद्याधन' का हुआ  क्योंकि जो कुछ यह सरकार करने जा रही है उसके लिए प्रदेश की नौकरशाही बिलकुल तैयार नहीं है. इन्होने जो जम्बो मंत्रीमंडल बनाया है कम से कम उससे कोई उम्मीद नहीं है। इनके कुसंस्कारिक मंत्रियों और निरंकुश नौकरशाह जिस लूट की संस्कृति को जी रहे हैं उससे प्रदेश का उत्थान नहीं होना है. युवा मुख्यमंत्री आखिर इन्ही के बीच घिरे हुए हैं कहीं न कहीं नेताजी को भी ये बात सालती है, उनकी द्खलादाज़ी कितना सुधार करेगी, सरकारी बदमाशियों की शक्ल बदलना कितना आसान है. यह अब सरकार को समझ आ रहा होगा .
डॉ. लाल रत्नाकर 

बेरोजगारी भत्ते के लिए नहीं करना पड़ेगा काम

लखनऊ/अमर उजाला ब्यूरो
Story Update : Tuesday, August 14, 2012    12:12 AM
for unemployment allowance will not work up
उत्तर प्रदेश सरकार बेरोजगारी भत्ते के एवज में अब बेरोजगारों से कोई काम नहीं लेगी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पात्र लोगों को बेरोजगारी भत्ता अगले महीने के पहले हफ्ते से मिलना शुरू हो जाएगा। भत्ता अब बिना काम कराए ही दिया जाएगा। छात्रों को लैपटॉप व टैबलेट अक्तूबर के आखिरी हफ्ते या नवंबर के पहले हफ्ते में बांटे जाएंगे।

मुख्यमंत्री सोमवार को सचिवालय एनेक्सी में मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि लैपटॉप व टैबलेट देने में थोड़ी देरी हो सकती है, क्योंकि इसकी प्रक्रिया में वक्त लग रहा है लेकिन बेरोजगारी भत्ता अगले महीने से देने की पूरी तैयारी है। बेरोजगारी भत्ते के लिए काम कराए जाने की शर्त हटाकर सरकार ने बेरोजगारों को राहत दी है।

पहले सरकार का तर्क था कि बेरोजगारों की क्षमता व कौशल विकसित करने के लिए उनसे थोड़ा सा काम लिया जाएगा। बाद में सरकार को अंदेशा हुआ कि काम के चक्कर में कहीं यह योजना बेरोजगारों में उतनी लोकप्रिय न हो, जितनी होने की उम्मीद है। इसलिए सरकार अब उसी तरह बेरोजगारी भत्ता बाटेगी, जिस तरह सपा की पिछली सरकार में बेरोजगारी भत्ता बांटा गया था।

विदित हो कि नई सरकार ने सपा के घोषणा पत्र के मुताबिक, नौ लाख से ज्यादा बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया था। इसके तहत हर पात्र बेरोजगार को हजार रुपये भत्ता दिए जाने का निर्णय हुआ। बाद में इसमें काम लेने की शर्त भी जोड़ दी गई। मुख्यमंत्री ने सोमवार को इस मुद्दे पर सचिवालय एनेक्सी में श्रम विभाग के अफसरों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की और बाद में पत्रकारों के बीच सरकार के इस निर्णय का ऐलान किया।

पहले क्या थी योजना
पहले सरकार की योजना थी कि बेरोजगारों से भत्ते के बदले महीने में कुछ दिन बेरोजगारों से जातीय जनगणना, आर्थिक जनगणना, बूथ लेवल पर पर्ची पहुंचाने, पल्स पोलियो अभियान, सरकारी ठेकों में निर्माण कार्यों में लगाया जाए। अब संबंधित नियमावली से यह प्रावधान हटा दिया जाएगा।

सरकार का नया निर्णय
बेरोजगारी भत्ते के बदले बेरोजगारों से कोई काम नहीं लिया जाएगा। पात्र बेरोजगारों को पिछली सपा सरकार के शासन की तरह ही बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाएगा। अगले महीने के पहले सप्ताह से ही बेरोजगारी भत्ता देने की अखिलेश सरकार की तैयारी है।
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