मंगलवार, 24 जुलाई 2012

कुछ नया करने का मन है डिम्पल यादव का

कुछ नया करने का मन है डिम्पल यादव का तो करना चाहिए पर ध्यान रहे ये देश की संसद है उत्तर प्रदेश की विधान सभा नहीं, यहाँ उतने ही खतरे भी हैं . यहाँ का महिला मंडल बहुत ही शातिर है, कम्युनिष्टों ने लम्बे समय तक नेता जी का इस्तेमाल किया है विभिन्न मुद्दों पर कहीं उन्होंने ही तो नहीं समझाया है यह ध्यान रखना चाहिए यदि हो सके तो महिला शशक्तिकरण के लिए आगे आने में कोई बुराई नहीं है -
डॉ.लाल रत्नाकर 
पेंटिंग ; डॉ.लाल रत्नाकर 


डिंपल यादव ने महिला आरक्षण पर जगाई उम्मीद

नई दिल्ली/अमर उजाला ब्यूरो
Story Update : Wednesday, July 25, 2012    12:08 AM
Dimple Yadav hopes raised on women reservation
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने सासंद चुने जाने के बाद महिला आरक्षण को लेकर ताल ठोक दी है। महिला आरक्षण के मामले में सपा की नकारात्मक छवि के बीच डिंपल ने अब नई उम्मीद जगाई है। डिंपल ने कहा है कि सपा महिला आरक्षण के विरोध में नहीं है और प्रदेश में महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं भी बनाई जा रही है।

सांसद बनने के बाद पहली बार मीडिया से खुलकर बातचीत करते हुए उन्होंने उद्योग संगठन फिक्की के लेडिज विंग (एफएलओ) के एक कार्यक्रम में अपने पारिवारिक जीवन के कई पहलुओं की जानकारी भी दी। डिंपल ने कहा कि उन्होंने राजनीति में आने के बारे में पहले कभी नहीं सोचा था। लेकिन मौका मिलने पर वे इस क्षेत्र में आ गई।

उन्होंने कहा कि उनके पति अखिलेश काफी समझदार हैं और वे उनके साथ बेहतर तालमेल बैठा कर आगे बढ़ रही हैं। सभी बच्चों की तरह उनके बच्चों को भी कार्टून देखने का शौक है। वे डोरोमॉन जैसे कार्टून चरित्र को देखना पसंद करते हैं। वह निजी शिक्षक से ट्यूशन भी पढते हैं। डिंपल बच्चों को गांव भी ले जाती हैं और नखरे करने पर उन्हें खाने के लिए मनाती भी हैं। चर्चा के दौरान अखिलेश ने कहा कि बच्चों को हमारी बहुमूल्य संस्कृति के बारे में जानना चाहिए। इसलिए वे बच्चों को रामायण पढ़ने के लिए भी प्रेरित करते हैं।

राज्य में महिलाओं की स्थिति में सुधार को लेकर चर्चा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि कन्याओं की बेहतर शिक्षा के लिए प्रदेश के सरकारी स्कूल व कॉलेजों में पहले पूरी पढ़ाई मुफ्त में हुआ करती थी। राज्य सरकार अब फिर से ऐसा करने जा रही है।

राज्य की ओर से 12वीं पास लड़कियों की आगे की पढ़ाई की व्यवस्था के लिए विद्याधन योजना के तहत सहायता मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए 400 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। जबकि 10वीं पास लड़कियों के आगे की शिक्षा जारी रखने के लिए एक योजना बनाई जा रही है।

इस योजना पर करीब 300 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि यूपी में 10वीं उत्तीर्ण छात्रों के लिए टैबलेट कंप्यूटर और 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को लैपटाप देने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें