गुरुवार, 19 सितंबर 2013

ये जो कुछ कह रहे हैं 'किसी' नफे नुकसान के बतौर कह रहे हैं........

मुलायम ने तोड़ा मुसलमानों का विश्वास : बुखारी

Updated on: Wed, 18 Sep 2013 07:59 PM (IST)
Samajwadi Party
मुलायम ने तोड़ा मुसलमानों का विश्वास : बुखारी
गाजियाबाद [जासं]। दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी ने आरोप लगाया है कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुसलमानों के विश्वास को तोड़ा है। केंद्र और प्रदेश सरकार मुसलमान को मात्र वोट समझती है।
बुधवार को बुखारी जब मुजफ्फरनगर के दंगा पीड़ितों से मिलने जा रहे थे तभी पुलिस ने उन्हें यूपी गेट पर हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें वापस दिल्ली भेज दिया गया। वसुंधरा स्थित आवास विकास परिषद के अतिथि गृह में पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि वे मुजफ्फरनगर जाकर प्रदेश सरकार के उन दावों के बारे में पता लगाना चाहते थे जिन में कहा जा रहा है कि पीड़ितों को बेहतर सुविधा दी जा रही है। एक चैनल के स्ट्रिंग आपरेशन में प्रदेश सरकार के मंत्री आजम खां का नाम सामने आने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा है कि मैं ऐसे शख्स का नाम अपनी जुबान पर लेना ठीक नहीं समझता हूं। बुखारी ने दो टूक शब्दों में कहा है कि आजम खां को बेवजह मुसलमानों का वोट दिलाने वाला नेता समझ कर मुलायम सिंह और अखिलेश उसे सरकार में शामिल किए हुए हैं।
बुखारी केंद्र और प्रदेश सरकार से इस कदर नाराज दिखे कि उन्होंने कह दिया कि अगर मुसलमान किसी हिंदू सेकुलर नेता से मदद और सम्मान की उम्मीद रखें तो बेहतर होगा। शाही इमाम का गुस्सा यहीं नहीं रुका, उन्होंने कहा कि प्रदेश की हुकूमत को सपा को दिलाने वाले लोग आज शर्मिंदा हो रहे हैं। प्रदेश सरकार ने मुसलमानों और जनता से जो वादे किए थे वह पूरी तरह से भूल चुकी है।
बुखारी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 84 कोसी यात्रा को रोक कर सिर्फ विश्व हिंदू परिषद को ताकत प्रदान करने का काम किया। इतनी फोर्स व समझदारी दंगा काबू करने में दिखाती और अफसरों को ठीक प्रकार से कार्रवाई करने दी जाती तो अब तक प्रदेश के दंगों में मरने वालों की संख्या हजारों में नहीं पहुंचती।
गौरतलब है कि मंगलवार को भाजपा नेता उमा भारती के पुलिस-प्रशासन को चकमा देकर निकलने की घटना के बाद पुलिस-प्रशासन ने बुधवार को शाही इमाम अहमद बुखारी के मुजफ्फरनगर जाने की सूचना के बाद इंदिरापुरम पुलिस और एलआइयू को जामा मस्जिद से बुखारी के काफिले के पीछे लगा दिया गया।

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