शनिवार, 23 जून 2012

टिकटों की कालाबाजारी


जानिए, तत्काल टिकटों की कालाबाजारी का खेल

चंदन जायसवाल/इंटरनेट डेस्क
Story Update : Sunday, June 24, 2012    12:23 AM
black market for Tatkal ticket games
गर्मी की छुट्टियों में जहां आम आदमी एक अदद कन्फर्म रेल टिकट के लिए परेशान है वहीं दलालों का नेटवर्क बड़े पैमाने पर रेल टिकटों की कालाबाजारी कर रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए शुरू की गई तत्काल सेवा में भी बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। राजधानी दिल्ली समेत देश के कई शहरों में आईआरसीटीसी की वेबसाइट को हैक कर दलाल लाखों रुपये कमा रहे हैं, जबकि रेलवे स्टेशन के बुकिंग काउंटर पर घंटों लाइन में लगे लोगों को परेशानी झेलने के बाद भी टिकट नहीं मिल पाता। ऐसा नहीं है कि इस बात की खबर रेल मंत्रालय या संबंधित विभाग को नहीं है, बावजूद रेल टिकटों की कालाबाजारी का खेल बदस्तुर जारी है।


कैसे होता है तत्काल टिकट में खेल
एटम कमांडो और सॉफ्टवैली नामक एक सॉफ्टवेयर की मदद से दलाल आईआरसीटीसी की वेबसाइट को हैक कर लेते है। इस तेज रफ्तार सॉफ्टवेयर से अधिकतम 10 सेकेंड में टिकट बुक हो जाते है, जबकि आईआरसीटीसी के सॉफ्टवेयर से रेल टिकट को बुक कराने में कम से कम दो से तीन मिनट का समय लग जाता है। रेलवे में तत्काल के टिकट सुबह 8 बजे से बुक होते हैं। जब तक आप अपने कंप्यूटर पर अपना नाम, अड्रेस और कहां से कहां जाना है, टाइप करते है तब तक तत्काल के लगभग सभी टिकट बुक हो चुके होते है। क्योंकि काउंटर खुलने से पहले ही ये शातिर दलाल कंप्यूटर पर पहले से ही यात्री विवरण फीड कर लेते हैं और जैसे ही विंडो खुलती है, वह इंटर मारकर तत्काल कोटे की टिकट पर कब्जा कर लेते हैं।

चंद सेकेंड में एसी क्लास की टिकटें खत्म
इस हाईस्पीड सॉफ्टवेयर की मदद से 1 मिनट में ही 10 टिकट बुक हो जाते हैं। टिकट की दलाली करने वाले बड़े दलाल इसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके धड़ल्ले से तत्काल कोटे की टिकटों की कालाबाजारी कर रहे हैं। खासकर इस भीषण गर्मी में एसी क्लास की टिकटों पर लंबा खेल चल रहा है। दलाल रोज नए-नए अत्याधुनिक पैंतरों के साथ मैदान में उतर रहे हैं, जबकि रेलवे उन पर अंकुश लगाने की प्रणाली बनाना तो दूर, फिलहाल उस दिशा में सोच भी नहीं पा रहा है। आम आदमी जहां आधी रात से ही तत्काल कोटे की टिकटों के लिए रेलवे आरक्षण केंद्र के बाहर लाइन लगाए परेशान रहता हैं, वहीं रेल टिकटों के दलाल सुबह आठ बजे नेटवर्क ओपन होते ही महज चंद सेकेंडों में तत्काल टिकटों पर कब्जा कर लेते हैं।

महंगे दामों पर बेचते है टिकट
दलालों के इसी खेल की वजह से आम आदमी जब तक आईडी प्रूफ और फार्म काउंटर पर देता है, तब तक तत्काल के टिकट बुक हो जाते हैं। इस सॉफ्टवेयर की मदद से राजधानी दिल्ली, मुंबई, जम्मू, देहरादून, गुवाहाटी और हावड़ा के लिए टिकटों की बुकिंग होती है। आम लोगों को इन जगहों के लिए तत्काल टिकट बहुत मुश्किल मिल पाता है। 4-5 मिनट में ही 30-40 सीटें बुक हो जाती है। बाद में इन्हीं टिकटों को दलाल ऊंचे दामों पर बेचते है। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें